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Friday, 2 September 2016

Rajasthan Sarkar Ki Kushal Mangal Yojana

कुशल मंगल कार्यक्रम

राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने के उददेश्य से राज्य सरकार द्धारा सतत रूप से कई महत्वपूर्ण कार्य एवं प्रयास किये जा रहे है। इसी दिशा में सुरक्षित मातृत्व की परिकल्पना को साकार करने हेतु राज्य में हाईरिस्क प्रेगनेन्सी को विशेष महत्व प्रदान कर उनका चिन्हीकरण, लाईन लिस्टिंग, उपचार एवं फालोअप किया जाना है।

राजस्थान में अनुमानतः 19,60,000 महिलाएं प्रत्येक वर्ष गर्भवती होती है, जिनमें से 10 प्रतिशत (अनुमानतः 1.9 लाख) केसेज में जटिलताएं उत्पन्न होनी को संभावना होती है। इन 1.9 लाख एएनसी में से 80 प्रतिशत (1.52 लाख) प्रसूताओं को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मीओं द्वारा समय पर पहचान कर उनका प्रबंधन किया जा सकता है जबकि शेष 20 प्रतिशत (38,000) महिलाओं को सी-सेक्शन एवं अन्य प्रसूति जटिलता प्रबंधन हेतु विशेषज्ञ/स्त्रीरोग विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है।

राजस्थान सरकार द्धारा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के लिए ‘‘कुशल मंगल कार्यक्रम‘‘ नाम से एक समेकित योजना बनाई गई है। इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं में जटिलता का समय पर चिन्हिकरण, लाइनलिस्टिंग, समय पर रेफरल, टेªकिंग एवं फोलोअप कर उपयुक्त चिन्हित चिकत्सा संस्थान पर संस्थागत प्रसव करवाया जायेगा ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर एवं रूग्णता में कमी लाई जा सके।


कार्यक्रम के उद्देश्यः-

गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं एवं खतरे की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन।एचआरपी की पहचान, टेकिंग, लाइन लिस्टिंग एवं फोलोअप हेतु एक तंत्र की स्थापना।विशेष केसेज को विशेषज्ञ देखभाल एवं प्रबंधन की सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए संस्थागत प्रसव कराना।रेफरल हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा निश्चित रूप से उपलब्ध कराना।समुदाय स्तर पर नियोजित गर्भाधान, दो बच्चों के बीच अन्तराल एवं गर्भाधारण पूर्व एनिमिया की रोकथाम हेतु जागृति पैदा करना।

यह कार्यक्रम राज्य के सभी 34 जिलो में लागू किया गया है। कुशल मंगल कार्यक्रम छः सूत्रीय दृष्टिकोण का अनुसरण करता है जिसमें प्रत्येक गर्भवती महिला में अधिक जोखिम की शीघ्र पहचान, लाइन लिस्टिंग, प्रबंधन एवं फोलोअप को केन्द्रित किया है।

छः सूत्रीय दृष्टिकोण निम्न हैः-

गर्भधारण की योजना।एचआरपी जांच एवं ट्रेकिंग।Rajasthan HRP Counseling State Help Desk के तहत् 104 कॉल सेन्टर के द्धारा एचआरपी महिलाओं का फोलोअप।रेफरल हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा की निश्चित रूप से उपलब्धता।एचआरपी महिला का योजनाबद्ध संस्थागत प्रसव।माता एवं शिशु की प्रसवोत्तर देखभाल।

स्टेशनरीः-

कार्यक्रम संबंधी 15000 एएनएम मॉड्यूल, 3000 रजिस्ट्रर तथा 5000 मार्गदर्षिकाओ की प्रिटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। सभी जिलो मे उक्त सामग्री भिजवायी जा चुकी है।


104 कॉल सेन्टर द्वारा कॉल्स की रिर्पोटः-

पीसीटीएस पर लाइन लिस्टेड गम्भीर एनिमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं से 104 कॉल सेन्टर के माध्यम से सम्पर्क कर चिकित्सकीय सेवाओं के संबंध में सूचना ली जाती है। माह जुलाई से नवम्बर तक पीसीटीएस पर लाइन लिस्टेड 2327 गम्भीर एनिमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं में से 922 गर्भवती महिलाओं से सम्पर्क किया जा सका जिसमें से 350 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ तथा 572 गर्भवती महिलाओं से चिकित्सकीय सेवाओं के संबंध में वार्ता की गई। जिसके अनुसार निम्नानुसार कमियां पाई गईः-


28 गर्भवती महिलाओ की खून की जॉच नही हुई,69 गर्भवती महिलाओ को आयरन की गोलियां नही दी गयी।64 गर्भवती महिलाओं को आईवी आयरन सुक्रोज लगाने हेतु सलाह नहीं दी गई।

सुरक्षित मातृत्व दिवस

सुरक्षित मातृत्व दिवस के माध्यम से गर्भवती महिला को सीएचसी पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध करवायी जा रही है। जिससे गर्भवती महिलाओ की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जॉच उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओ का चिह्किरण व फॉलोअप तथा प्रसव उपरान्त मॉ एवं बच्चे की स्वास्थ्य, पोषण एवं परिवार नियोजन संबंधी सलाह दी जा रही है।

माह अक्टूम्बर 2015 मे राज्य मे 314 सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किये गये। जिसमे 10895 गर्भवती महिलाओ को सेवाये उपलब्ध करायी गयी है। जिसमे से गम्भीर एनिमिया वाली 2361 महिलाओं को आई.वी. आयरन सुक्रोज का डोज दी गयी व 2581 गर्भवती महिलाओ को टीटी के टीके लगाए गए तथा 1949 महिलाओं को हाईरिस्क प्रेग्नेंसी का होना चिन्हित किया गया

माह नवम्बर 2015 मे राज्य मे 314 सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किये गये। जिसमे 10057 गर्भवती महिलाओ को सेवाये उपलब्ध करायी गयी है। जिसमे से गम्भीर एनिमिया वाली 1930 महिलाओं को आई.वी. आयरन सुक्रोज का डोज दिया गया व 1754 को टीटी प्रथम का टीका लगाया गया तथा 2021 महिलाओं को हाईरिस्क प्रेग्नेंसी का होना चिन्हित किया गया।

माह दिसम्बर 2015 मे राज्य मे 318 सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किये गये। 9241 जिसमे गर्भवती महिलाओ को सेवाये उपलब्ध करायी गयी है। जिसमे से गम्भीर एनिमिया वाली 1917 महिलाओं को 3आई.वी. आयरन सुक्रोज का डोज दी गयी व 1237 गर्भवती महिलाओ को टीटी के टीके लगाए गए तथा 1559 महिलाओं को हाईरिस्क प्रेग्नेंसी का होना चिन्हित किया गया


प्रसूति नियोजन दिवस

राज्य मे माह अक्टूम्बर, 2015 मे सीएचसी/पीएचसी एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र पर 8वे व 9वे माह की गर्भवती महिलाओ की प्रसव योजना एवं परिवहन संसाधन के संबंध मे कॉउसलिंग कर सुरक्षित प्रसव हेतु प्रसूति नियोजन दिवस का आयोजन प्रारम्भ किया गया।
माह अक्टूम्बर 2015 से दिसम्बर 2015 तक कुल 32138 प्रसूति नियोजन दिवस आयोजित किये गये जिसमे 218136 गर्भवती महिलाओ को लाभान्वित किया गया।

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Saturday, 20 August 2016

New Innovations in Health Industry

Khoon Ki Janch Ka Ye दर्दभरा Tarika Ab Purana Ho Raha Hain . Suee Ki चुभन Ke Bagair Khoon Me Haemoglobin Ki Matra Ki Janch मुमकीन Hui Hain टचबी Device Se . टचबी बायोसेन्स Company Ka Pehla Product Hain Jo Haemoglobin Ki Taste Se अनेमिया Ki Janch Asaan Banata Hain . Technology Ki Madad Se Kifayati स्वास्थ Sewayein Dene Ke इरादे Se Shuru Hua स्टार्टअप बायोसेन्स . Iit Ke Chhatra Dr. Abhishek Sen , Dr. योगेश Patil Aur अमन मिधा Inhone Apni Padhai Ke Dauran Shuru Kiye Research Me Lo कॉस्ट डायग्नोस्टीक डिवाइसेस Banaye . Ise Karobar Ke Taur Par 2009 Me बायोसेन्स टेक्नोलॉजीस Ke जरीए Shuru Kiya . Company Ka मकसद Sirf Product इनोवेशन Tak सिमीत Nahin Raha Hain , बल्की Ab डायग्नोस्टीक्स सोल्यूशंस प्रोवाइडर Ke Taur Par Company Kaam Kar Rahi Hain . Aur Inki खासियत Hain , Kifayati , IsteMal Me Asaan Aur Mobile Based Product , Jo मरीजों Ki Kai दिक्कतें सुलझा Rahi Hain . टचबी Ke Baad Company Ne Apna Doosra Product लॉन्च Kiya यूचेक . Ye एप Based युरीन Taste Karne Wala Device Hain . Jisse यूचेक Glucose , Keton , ल्यूकोसाइट्स , Jaise 12 पैरामीटर्स Par युरीन Taste Hoti Hain . Khoon Me Sugar Ki Matra Janchne Wala सू - Chek Company Ka तिसरा Product Hain . Mahange Medical Taste Ki Wajah Se Kai Awashyak Taste Marij Karna टालते Hain , Company Ne Khas Aise Grahako Ke Liye In डायग्नोस्टीक डिवाइसेस Ko Banaya Gaya: Hain . फाउंडर्स Ka Shuruaati Focus इनोवेशन Aur Utpaad एमएफजी Par Raha Lekin Wo Avishkaar Hee Kis Kaam Ka Jo Logon Ke Kaam Na Aa सके? Isliye Company Ne Apni Puri ताकद Sale Badhane Par Lagai Hain . फिलहाल Company 4 Rajyon Ke Lagbhag 2500 Ganvon Me टचबी Ka Vitarann Kar Chuki Hain , Wahin यूचेक Ki Pahunch 2500 Chikitsakon Tak Banane Me Safal Hui Hain . लेकीन सवा 100 Crore Indian Public Tak Apne Product Ka Bikri Aur Vitarann Aaj Bhi Company Ke Samne Sabse Bada चैलेज Hain . Is Shetra Ki Lagbhag Sambhi Kampaniyon Ke Samne प्रोडक्ट्स Ki मार्केटींग Sabse Badi दिक्कत Hain Jins Ka Samadhaan Sirf Apne Tak सिमीत Rakhne Ke Bajaye बायोसेन्स Ke फाउंडर्स Chikitsa Upakarann Ke Shetra Me Ho Rahein इनोवेशन Ko Grahako Tak Pahunchane Ke Liye Delivery System Platform Banane Ki तैयारी Kar Rahein Hain . Apni Padhai Ke Dauran महज 5 Hazar Ki Lagat Se सुरू Kiya Research वर्क Aaj 10 Crore Revenue जनरेट Kar Raha Hain . Is इनोवेटिव , Social इम्पैक्ट Buisness Ko Niveshakon Ne Bhi Samay Samay Par Sath Diya: Hain . Ab Tak Company Kul 9 Crore Ki Rashi Niveshakon Se Juta Chuki Hain . Mobile Aur क्लाउड Based Medical डिवाइसेस Ke जरीए Ab Har Ek Vyakti Ka Medical Data इकट्टा Ho Raha Hain , Jins Ke Aadhaar Par प्रेडिक्टिव Aur प्रिवेंटिव हेल्थकेयर Me Bade इनोवेशन्स Bhavishya Me Ane Ki Ummeed Hain . Aur Ek सेहतमंद Bhaarat Ki Taraf Ek Bada Kadam Bhi Hain . Ye सपना SunaHara Hain , Lekin Ise Pura Karne Ka Rasta बायोसेन्स Jaise स्टार्टअप Ke जरीए Ban Raha Hain .

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