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Monday, 3 April 2017

SC highway liquor ban verdict might hit 1 million jobs 15791494

हाईवे पर शराबबंदी से जा सकती है 10 लाख लोगों की नौकरियां, हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री ने लगाया अनुमान

नई दिल्ली: नेशनल व स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराबबंदी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 1 मिलियन (10 लाख) लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश 1 अप्रैल से ही अमल में आ चुका है। होटल इंडस्ट्री का मानना है कि अदालत के इस फैसले से उसे बड़ा झटका लगेगा।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बीते साल 15 दिसंबर को दिए गए उसके आदेश जिसमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शराब पर बैन होटल और रेस्तरां पर भी लागू हो। शराब पीने की वजह से होने वाले सड़क हादसों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इससे ऐसे हादसों में कमी आएगी। दरअसल, भारत में सड़क हादसों में दुनिया में सबसे अधिक जानें जाती हैं।
नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष रियाज अमलानी ने बताया कि इस फैसले से राज्यों को 50 हजार करोड़ रुपए का बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि, ये शुरुआती अनुमान हैं और हम इसके असर का सटीक अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। एनआरएआई एक लॉबी ग्रुप है, जो देश भर में रेस्तरां और पब्स का प्रतिनिधित्व करती है।


Highway Par sharabbandi Se Jaa Sakti Hai 10 Lakh Logon Ki Naukariyan, Hospitality industry ne Lagaya Anuman br Naee Delhi National Wa State Ke 500 Meter Dayre Me Supreme Court Adesh Baad Karib 1 Million Naukariyon Khatra Mandra Raha । Ka Yah April Hee Amal Aa Chuka Hotel Manna Adalat Is Faisle Use Bada Jhatka Lagega Shukrwar Ko Faisla Sunaya Tha Beete Sal 15 December Diye Gaye Uske Jisme Rashtriya Aur Rajya Raajmargon Sharab Ban Restaurant Bhi Lagu Ho Pine Wajah Hone Wale Sadak Hadson Dekhte Hue Kiya Isse Aise Kami Ayegi Darasal Bhaarat Duniya Sabse Adhik Jane Jati Hain Asociation Of India NRAI Adhyaksh Riyaaz Amlani Bataya Rajyon 50 Hazar Crore Rupaye Nuksan Sakta Halanki Ye ShuruAati Ham Iske Asar Sateek Andaja Lagane Koshish Kar Rahe Ek Lobby Group Jo Desh Bhar Pubs Pratinidhitva Karti

Friday, 31 March 2017

Core sector output growth slows to 1 percentage in February

कोर सेक्टर की ग्रोथ 13 महीने के निचले स्तर पर, फरवरी में 1 फीसद की दर से बढ़ी

नई दिल्ली: देश में कोर सेक्टर की ग्रोथ 13 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। फरवरी महीने के दौरान इसमें 1 फीसद की दर से ग्रोथ देखने को मिली है। इस गिरावट की प्रमुख वजह मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में आई कमी को माना जा रहा है। शुक्रवार को सरकार की ओर से ये अधिकारिक डेटा जारी किए गए हैं। वहीं पिछले महीने की कुल उत्पादन में वार्षिक वृद्धि दर 3.4 फीसद थी। चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों के लिए उत्पादन में वृद्धि 4.4 फीसद रही है, जो मार्च 2017 में समाप्त हो रहा है।
आठ प्रमुख कोर सेक्टर से जुड़ी ग्रोथ फरवरी महीने में 1 फीसद के स्तर पर आ गई है। इसकी प्रमुख वजह मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक और सीमेंट में नकारात्मक वृद्धि है। फरवरी 2016 में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली के आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि दर 9.4 फीसद थी।
कोर सेक्टर, जो कुल औद्योगिक उत्पादन में 38 फीसद का योगदान देता है, में इस वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के बीच 4.4 फीसद का विस्तार हुआ है, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 3.5 फीसद का रहा था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के जरिए यह जानकारी सामने आई है। हालांकि, इस महीने के दौरान कोयला और स्टील में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।


Core Sector Ki Growth 13 Mahine Ke Nichle Str Par, February Me 1 Feesad Dar Se Badhi br Naee Delhi Desh Aa Gayi Hai । Dauran Isme Dekhne Ko Mili Is Girawat Pramukh Wajah Mukhya Roop Kachhe Tel Aur Prakritik Gas Utpadan I Kami Mana Jaa Raha Shukrwar Sarkaar Or Ye Adhikarik Data Jari Kiye Gaye Hain Wahin Pichhle Kul Vaarshik Vridhi 3 4 Thi Chalu Vitt Year Pehle 11 Mahino Liye Rahi Jo March 2017 Samapt Ho 8 Judi Iski Refinery Utpaad Urvarak Cement Nakaratmak 2016 Koyala Utpadon Ispat Bijli Buniyadi Dhancha Shetra 9 Audyogik 38 Ka Yogdan Deta April Beech Vistar Hua Jabki Beete Saman Awadhi Yah Ankda 5 Tha Vanijya Aivam Udyog Mantralaya Ankdon Jariye Jankari Samne Halanki Steel Sakaratmak Darj

Thursday, 23 March 2017

Government will Soon Introduce 5 Bills For Implementation Of GST

जीएसटी के लिए पेश होंगे पांच विधेयक, संसद के मौजूदा सत्र में ही सरकार लाएगी से सभी बिल

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सरकार जल्द ही संसद के मौजूदा सत्र में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी पांच विधेयक पेश करेगी। इन विधेयकों के पारित होने पर एक जुलाई, 2017 से देश में जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पैन के लिए 'आधार' नंबर अनिवार्य बनाने का कदम सरकार ने कर चोरी रोकने के इरादे से उठाया है। यह भी साफ कर दिया कि कृषि से आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगाया गया है और न ही केंद्र को यह टैक्स लगाने का अधिकार है।
लोकसभा ने कांग्रेस, बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के वाकआउट के बाद ध्वनिमत से वित्त विधेयक 2017 को पारित किया। सरकार ने इस विधेयक में 40 अधिकारिक संशोधन किए हैं। इनमें से पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) लेने और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान शामिल है।
जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं। काउंसिल ने सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए हैं। पांच विधेयकों के मसौदों को काउंसिल ने मंजूरी दी है। इनमें से एक विधेयक राय विधानसभाओं से पारित होना है, जबकि चार संसद से पास होंगे। इसके अलावा सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क कानून में संशोधन के लिए भी एक विधेयक संसद में पेश करेगी। इस बिल की जरूरत इसलिए है क्योंकि जीएसटी लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त हो जाएगा। इसलिए उत्पाद व सीमा शुल्क कानून में संशोधन जरूरी है। कैबिनेट ने देर शाम इस विधेयक को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट ने सोमवार को ही जीएसटी के लिए जरूरी चार विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी है। इनमें केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी विधेयक) विधेयक, संघ शासित क्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (रायों को क्षतिपूर्ति) विधेयक 2017 का मसौदा शामिल है। एक अन्य विधेयक राय जीएसटी (एसजीएसटी) को रायों की विधानसभाओं से मंजूरी दी जानी है।
बीजू जनता दल के बी माहताब ने जब पैन के लिए आधार नंबर अनिवार्य बनाने संबंधी संशोधन पर सवाल उठाया तो जेटली ने कहा कि कई लोगों ने पांच-पांच पैन ले रखे हैं। बहुत से लोग कर चोरी करने को ऐसे तरीके अपनाते हैं। सरकार टैक्स चोरी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। आज 108 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है। इसकी तकनीकी से टैक्स फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी।
नकदी लेनदेन सीमा को सही ठहराया
वित्त मंत्री ने नकद लेनदेन की सीमा तीन लाख रुपये से घटाकर दो लाख रुपये करने संबंधी संशोधन प्रस्ताव को सही ठहराया। जेटली ने कहा कि इससे काले धन के सृजन पर अंकुश लगेगा। उन्होंने राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए प्रस्तावित चुनावी बॉण्ड स्कीम के संबंध में पार्टियों से सुझाव देने का आग्रह भी किया। नोटबंदी पर विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में तय संशोधित अनुमानों के अनुरूप 17 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व एकत्र करेगी।
जीएसटी से सस्ती होंगी वस्तुएं
पहली जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद चीजों की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को हुई कॉमनवेल्थ ऑडिटर जनरल कॉन्फ्रेंस में यह उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि जीएसटी की नई व्यवस्था में वस्तुएं और सेवाएं बेहद आसानी से ट्रांसफर हो सकेंगी। साथ सशक्त सूचना तकनीकी आधार के चलते कर चोरी बेहद मुश्किल हो जाएगी।


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EPFO Cuts Administrative Charges which will benefit 6 lakh employers

EPFO ने घटाया एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज, 6 लाख नियोक्ताओं को होगा 1000 करोड़ का सालाना फायदा

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों के कुल वेतन पर एडमिनिस्ट्रेशन (प्रशासनिक) शुल्क को घटाकर 0.65 फीसद कर दिया है। सूत्रों के अनुसार इसे एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। इसकी मदद से करीब छह लाख नियोक्ताओं की करीब एक हजार करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी। मौजूदा समय में यह एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज कुल वेतन का 0.85 फीसद है।
श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के न्यासियों की ओर से पिछले वर्ष इस शुल्क को घटाकर 0.65 फीसद करने के फैसले को अधिसूचित कर दिया है।
EPFO बढ़ा सकता है इक्विटी मार्केट में 15 फीसद तक निवेश बढ़ते शेयर बाजार से उत्साहित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी मार्केट में अपनी निवेश योग्य राशि का 15 फीसद तक निवेश करने का प्रस्ताव दे सकता है। यह जानकारी श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दी है।
दत्तात्रेय ने बताया, " हम अगले साल के दौरान 15 प्रतिशत तक निवेश करने का प्रस्ताव कर रहे हैं। केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक 30 मार्च को होगी। हम उनकी राय जानेंगे। अब तक, पिछले एक-डेढ़ साल के दौरान हमने 18,069 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हमें अच्छी उपज मिल रही है यह उत्साहजनक है। "
मंत्री के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक प्रोविडेंट फंड बॉडी ने इन इंडेक्स से जुड़ी दोनों ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में निवेश किया है- बीएसई के सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी में, जिसमें जिसमें 18.13 फीसद का रिटर्न हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि अंतिम प्रस्ताव के लिए 30 मार्च को होने वाले सीबीटी मीटिंग में निवेश प्रस्ताव रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें- इक्विटी मार्केट में 15 फीसद तक निवेश बढ़ा सकता है ईपीएफओ


EPFO ne Ghataya Administration Charge, 6 Lakh Niyoktaon Ko Hoga 1000 Crore Ka Salana Fayda br Naee Delhi । Karmchari Bhavishya Nidhi Sangathan Karmchariyon Ke Kul Vetan Par Prashasnik Shulk Ghatakar 0 65 Feesad Kar Diya Hai Sutron Anusaar Ise Ek April Se Lagu Kiya Jayega Iski Madad Karib Chhah Ki Hazar Rupaye Vaarshik Bachat Hogi maujooda Samay Me Yah 85 Shram Mantralaya Nyasiyon Or Pichhle Year Is Karne Faisle Adhisoochit Badha Sakta Equity Market 15 Tak Nivesh Badhte Share Bazar Utsaahit Agle Vitt Dauran Apni Yogya Rashi Prastav De Jankari Mantri Bandaroo Dattatreya Dee Bataya " Ham Sal Pratishat Rahe Hain Kendriya Board Of Trustees CBT Baithak 30 March Unki Raay Janenge Ab - Dedh Hamne 18 069 Hamein Achhi Upaj Mil Rahi UtsaahJanak " Mutabik Provident Fund Body In Index Judi Dono ETF Exchange Traded BSE Sensex Aur NSE Nifty Jisme 13 return Hasil Hua Unhonne Kahaa Antim Liye Hone Wale Meeting Rakha Bhi Padhein

Saturday, 18 March 2017

Government says No Proposal To Replace Income Tax With Banking Transaction Tax

इनकम टैक्स को बदलकर बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स लाने का कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार को बताया कि आयकर के स्थान पर बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स या बीटीटी लाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है। सवाल पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव आया है जिसमें इनकम टैक्स को बदलकर बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स से बदले जाने की बात है, इस पर जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा, " सरकार के पास फिलहाल इस तरह का कोई भी प्रस्ताव विचार के लिए नहीं आया है। "
लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बीटीटी नाम का कोई भी कर उनके संज्ञान में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हालांकि इससे पहले बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स (बीसीटीटी) बैंकों की ओर से सीमा से अधिक नकदी जमा पर 0.1 फीसद की दर से लागू किया गया था।
बीसीटीटी को साल 2005 में यूपीए के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेश किया था। हालांकि फिर इस कर को 1 अप्रैल 2009 को वापस ले लिया गया। मंत्री ने आगे बताया कि बीते कुछ सालों में बीसीटीटी के जरिए संग्रहण आयकर संग्रहण के मुकाबले काफी महत्वहीन रहा है।
जनवरी में हालांकि सरकार ने कहा था कि वो मुख्यमंत्रियों के पैनल की उन सिफारिशों पर गौर करेंगे जिसमें उन्होंने नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 50,000 या उससे ऊपर के नकद लेन-देन पर बीसीटीटी शुल्क लागू करने के विषय पर अपना पक्ष सामने रखा था, ताकि इसमें किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचा जा सके।


Income Tax Ko Badalkar Banking transaction Lane Ka Koi Prastav Nahi Sarkaar br Naee Delhi Kendra ne Beete Shukrwar Bataya Ki Aaykar Ke Sthan Par Ya BTT Fillhaal Unke Paas Aaya Hai । Sawal Puchhe Jane Kya Aisa Jisme Se Badle Baat, Is Jawab Dete Hue Vitt Rajya Mantri Santosh Kumar Gangwaar Kahaa " Tarah Bhi Vichar Liye " Loksabha Me Ek Likhit Prashn Unhonne maujooda Samay Naam Kar Sangyan Halanki Isse Pehle Cash BCTT Banks Or Seema Adhik Nakdi Jama 0 1 Feesad Dar Lagu Kiya Gaya Tha Sal 2005 UPA P Chidambaram Pesh Fir April 2009 Wapas Le Liya Aage Kuch Salon Jariye Sangrahann Muqable Kafi MahatvaHeen Raha January Wo Mukhyamantriyon Pannel Un Sifarishon Gaur Karenge NoteBandi Baad Digital Payment Badhawa Dene 50 000 Usase Upar Nakad - Den Shulk Karne Vishay Apna Paksh Samne Rakha Taki Isme Kisi Antim Nateeje Tak Pahuncha Jaa Sake

Friday, 17 March 2017

govt says Approval given to RBI to print Rs 10 plastic notes

बाजार में जल्द आएगा 10 रुपये का प्लास्टिक नोट, आरबीआई को मिली छपाई की मंजूरी

नई दिल्ली। शुक्रवार को सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 10 रुपए के प्लास्टिक नोट के फील्ड ट्रायल करने के लिए अधिकृत किया गया है, जो ज्यादा समय तक चलेंगे।  वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि देश में सरकार ने पांच जगहों पर प्लास्टिक बैंक नोट्स का फील्ड ट्रायल करने का फैसला लिया है।
उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सब्सट्रैट खरीदे जाने की मंजूरी दे दी गई है और रिजर्व बैंक को 10 रुपये के प्लास्टिक नोट को छापने की मंजूरी दिए जाने के संदर्भ में बता दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉटन सब्सट्रैट बैंक नोट्स के मुकाबले प्लास्टिक नोट्स की जीवन अवधि ज्यादा होती है।दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बीते कई वर्षों से बैंक नोट्स का जीवन चक्र (लाइफ साइल) बढ़ाने के लिए प्लास्टिक नोट्स जैसे विभिन्न विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक फील्ड ट्रायल के बाद प्ला‍स्टिक करेंसी नोट को देशभर में लॉन्च करेगा। सरकार ने सबसे पहली बार फरवरी 2014 में 10 रुपये मूल्य के प्लास्टिक नोट को फील्ड ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी। ट्रायल के लिए भौगोलिक और जलवायु विविधता के आधार पर पांच शहरों का चयन किया गया था।  फील्ड ट्रायल के लिए चुने गए शहर कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वनर थे।
अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि प्लास्टिक नोट की औसत आयु पांच वर्ष है और इसकी नकल करना कठिन है। साथ ही यह भी कहा कि प्लास्टिक से तैयार नोट पेपर नोट के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ होते हैं। आपको बता दें कि नकली मुद्रा को रोकने के लिए इस तरह के नोट सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च किए गए थे।


Bazar Me Jald Ayega 10 Rupaye Ka Plastic Note, RBI Ko Mili Chhapai Ki Manjoori br Naee Delhi । Shukrwar Sarkaar ne Indian Reserve Bank Ke Field Trial Karne Liye Adhikrit Kiya Gaya Hai Jo Jyada Samay Tak Chalenge  वित्त Rajya Mantri Arjun Ram Meghwal Loksabha Ek Likhit Uttar Kahaa Desh Panch Jagahon Par नोट्स Faisla Liya Unhonne Bataya सब्सट्रैट Khareede Jane De Dee Gayi Aur Chhapne Diye Sandarbh Bata Diya Yah Bhi Cotton Muqable Jeevan Awadhi Hoti DuniyaBhar Kendriya Beete Kai Varshon Se Chakra Life साइल Badhane Jaise Vibhinn Vikalpon Talash Kar Rahe Hain Baad प्ला‍स्टिक Currency Deshbhar Launch Karega Sabse Pehli Baar February 2014 Moolya Thi Geogrophical Jalwayu Vividhata Aadhaar Shaharon Chayan Tha  फील्ड Chune Gaye Shahar Kochhi Masoor Jaipur Shimla भुवनेश्वनर The Average Ayoo Year Iski Nakal Karna Kathin Sath Hee Taiyaar Paper Swachh Hote Aapko Dein Nakli Mudra Rokne Is Tarah Pehle Australia Kiye

290 percent cess on demerit goods after gst

जीएसटी आने के बाद इन उत्पादों पर लगेगा 290 फीसद सेस, जानिए

नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार को पहली जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। काउंसिल की बैठक में गुरुवार को एसजीएसटी (राय जीएसटी) और यूटीजीएसटी (केंद्रशासित प्रदेश जीएसटी) विधेयकों के मसौदे पर मुहर लगा दी है। जीएसटी लागू होने पर तम्बाकू उत्पादों पर सेस (उपकर) की दर अधिकतम 290 फीसद और पान मसाले पर 135 फीसद रखने का फैसला किया गया है।
खास बात यह है कि बीड़ी और चबाने वाले तम्बाकू पर भी सेस लगेगा, लेकिन अभी इसकी दर तय नहीं की गई है। तम्बाकू उत्पादों पर जितना टैक्स फिलहाल है, उतना ही जीएसटी लागू होने के बाद भी बरकरार रखा जाएगा। यही नहीं, लक्जरी गुड्स पर सेस की अधिकतम सीमा 15 फीसद तय करने संबंधी प्रस्ताव को भी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यहां हुई 12वीं बैठक में एसजीएसटी और संघ शासित क्षेत्रों के लिए यूटीजीएसटी विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई। काउंसिल ने मामूली बदलाव के बाद पूर्व में मंजूर किए गए सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी), आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) और क्षतिपूर्ति विधेयकों को भी मामूली बदलाव के साथ अंतिम रूप दे दिया। अब इनमें एसजीएसटी को छोड़कर बाकी चार विधेयक केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए जाएंगे। इसके बाद सरकार इन्हें संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश कर पारित कराने की कोशिश करेगी। इसी तरह एसजीएसटी बिल भी अलग-अलग रायों की कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधानसभाओं से पारित कराए जाएंगे।
नौ तरह के होंगे नियम: जेटली ने कहा कि काउंसिल की 13वीं बैठक 31 मार्च को दिल्ली में होगी। इसमें जीएसटी कानूनों के तहत लागू होने वाले नियमों के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। जीएसटी के लागू होने पर नौ तरह के नियम होंगे। इनमें जीएसटी पंजीकरण, भुगतान, रिफंड, इनवॉयस, रिटर्न से संबंधित पांच तरह के नियमों को काउंसिल पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब अफसरों की एक समिति बाकी चार तरह के नियमों को अगले सप्ताह के अंत तक अंतिम रूप दे देगी। इसके बाद काउंसिल की अगली बैठक में इन पर मुहर लगा दी जाएगी।
लागू करने को मिलेगा पर्याप्त समय: केंद्रीय वित्त मंत्री के मुताबिक 31 मार्च की बैठक के बाद काउंसिल जीएसटी प्रस्तावित दरों की स्लैब में वस्तुओं और सेवाओं को फिट करने का काम शुरू कर देगी। ऐसा होने पर जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध होगा। 


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Thursday, 16 March 2017

Companies ensure insurance of policy holder and not of home loan

होम लोन का नहीं होता है इंश्योरेंस बल्कि लोन लेने वाले की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं कंपनियां, जानिए

नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। अपने शहर से बाहर रह रहे अधिकांश लोग अपना खुद का घर खरीदने की योजना बनाते रहते हैं और इसके लिए वो लोन के विकल्प का चयन करते हैं। होम लोन के लिए अप्लाई करने के दौरान  लेंडर्स (कर्ज देने वाले बैंक) बारोअर्स (कर्जदाताओं) से होम लोन इंश्योरेंस लेने को कहते हैं। अधिकांश लोगो को यह भ्रम रहता है कि यह आपके लोन का इंश्योरेंस होता है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। हम अपनी इस खबर में आपको यही पेंच समझाने की कोशिश करेंगे। हमने सर्टिफाइट फाइनेंशल प्लानर जितेंद्र सोलंकी और पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट बलवंत जैन से यही पेंच समझने की कोशिश की।
क्या कहा जितेंद्र सोलंकी ने:जितेंद्र सोलंकी ने बताया, " होम लोन के साथ ऑफर किया जाने वाला इंश्योरेंस दरअसल होम लोन का नहीं बल्कि बारोअर्स का लाइफ इंश्योरेंस होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी मौत की स्थिति में लाइफ इंश्योरेंस से लोन का पैसा रिकवर कर लिया जाता है और मृतक के परिजनों का किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। यह इंश्योरेंस बारोअर्स की प्रोटेक्शन के लिए होता है। "
सोलंकी ने बताया कि आमतौर पर कंपनियां दो तरह के लोन पर जोर देती हैं, एक लाइफ इंश्योरेंस और दूसरा एक्सीडेंटल इंश्योरेंस। आम तौर पर लोन देने वाली कंपनियां ही इंश्योरेंस की पॉलिसी मुहैया करवा देती हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आपने जिस कंपनी से लोन लिया है उसी कंपनी से इंश्योरेंस पॉलिसी भी लें। आप बाहर से भी इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं।
होम लोन के साथ किस स्थिति में इंश्योरेंस जरूरी नहीं:जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि अगर आपने होम लोन लेने से पहले ही लाइफ इंश्योरेंस या एक्सीडेंटल इंश्योरेंस इन दोनों में से कोई एक करा रखा है तो आपको होम लोन लेने के दौरान इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि आपके इंश्योरेंस कवर की राशि आपके होमलोन से मैच खानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर आपके लिए बाकी की राशि का इंश्योरेंस लेना जरूरी होगा।
लोन के अमाउंट के साथ ही कम होता जाता है इंश्योरेंस का कवर:जैसे-जैसे आपके होम लोन का अमाउंट कम होता जाता है आपके इंश्योरेंस का कवर भी कम होता रहता है। मसलन अगर आपने 30 लाख का लोन लिया है और आपने तीन साल के भीतर 10 लाख रुपए का लोन अगर चुका दिया है, तो अब आपके लोन की चुकाने योग्य राशि 20 लाख होगी और आपका इंश्योरेंस कवर भी 20 लाख होगा। यानी जैसे जैसे होम लोन की राशि कम होगी आपकी पॉलिसी का कवर भी कम होता रहेगा।
होम लोन के साथ ही इंश्योरेंस पर क्यों जोर देती हैं कंपनियां:होम लोन के साथ ही कंपनियां इंश्योरेंस पर इसलिए जोर देती हैं क्योंकि वो अपने लोन की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है। यानी अगर किसी सूरत में लोन लेने वाले की मौत हो जाती है तो लोन की रकम इंश्योरेंस से कवर कर ली जाती है और मृतकों के परिजनों को मकान मिल जाता है। दरअसल कंपनियां कभी नहीं चाहती हैं कि मकान के लिए लोन लेने वाले व्यक्ति की मौत की स्थिति में वो मृतक के परिजनों को परेशान करें या उनके पीछे पीछे भागें, सोशल ओब्लिगेशन के चलते भी वो ऐसा करने से बचती हैं।
क्या कहा बलवंत जैन ने:बलवंत जैन ने बताया, " होम लोन का इंश्योरेंस कराना घर खरीदने वाले और होम लोन देने वाले दोनों के लिए बेहतर रहता है। किसी कारण से अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो आपके होम लोन के साथ लिए गए इश्योरेंस की राशि से लोन की रकम को कंपनियां वसूल कर लेती हैं। आमतौर पर होमलोन देन वाली कंपनिया खुद ही इश्योरेंस का विकल्प आपको देती हैं। लेकिन लोन देने वाली कंपनियों से ही इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं होता है। सामान्य तौर पर लोग 1 टाइम प्रीमियम का चयन करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, आपको एनुअल प्लान (टर्म प्लान) का चयन करना चाहिए। आमतौर पर लोग 20 साल के लोन में 20 साल तक लोन की राशि बकाया नहीं रखते वो उससे पहले ही अधिकांश राशि का भुगतान कर देते हैं, जिस हिसाब से आपका प्रीमियम कवर भी कम होता जाता है। "


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Wednesday, 15 March 2017

here are big decisions taken by cabinet today

लुब्रीजोल कॉर्पोरेशन में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों को 2 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ते का तोहफा

नई दिल्ली। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने लुब्रीजोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 24 फीसद हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है। यह हिस्सेदारी लुब्रीजोल कॉर्पोरेशन (यूएसए) में इंडियन ऑयल रखती है। सरकार इस हिस्सेदारी को बेचकर पैसा जुटाएगी। वहीं कैबिनेट में इसके अलावा भी कई बड़े फैसले किये गए, जिनमें केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 2 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेसन टेक्नोलॉजी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) बिल 2017 को भी मंजूरी दी गई। 
बुधवार शाम को केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते में 2 फीसद के इजाफे को मंजूरी दे दी। महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर स्वीकृत फार्मूले के अनुरूप की गई है। इस बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 55 लाख पेंशन भोगियों को सीधा फायदा पहुंचेगा और इससे सरकारी खजाने पर 5857.28 करोड रुपए का अतिरिक्त बोझ पडेगा।
बता दें कि सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी से यह बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने आईआईटी संशोधन बिल, 2017 को भी मंजूरी दी। इसके तहत आईआईटी में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा।  इसके अलावा, आंध्र प्रदेश को विशेष सहायता दिए जाने को भी केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी। उत्तर प्रदेश में नेशनल हाईवे-2 पर वाराणसी से हंडिया सेक्शन को 6 लेन किए जाने के प्रस्ताव को भी पारित कर दिया। 


Lubrizol Corporation Me Hissedari Bechegi Sarkaar, Kendriya Karmchariyon Ko 2 Feesad Atirikt Mahangai Bhatte Ka Tohfa br Naee Delhi । Budhwar Hui Cabinet Ki Baithak ne India Private Limited 24 Bechne Faisla Kiya Hai Yah USA Indian Oil Rakhti Is BechKar Paisa Jutayegi Wahin Iske ALava Bhi Kai Bade Faisle Kiye Gaye Jinme Ke Liye Bhatta Badhane Manjoori Dee Gayi Institute Of इंफॉर्मेसन Technology Public - PartnerShip Bill 2017 Sham Dete Hue Izafe De Badhotari 7 th Vetan Aayog Sifarishon Aadhaar Par Svikrit Formulae Anuroop Se Kendra 50 Lakh Aur 55 Pension Bhogiyon Seedha Fayda Pahunchega Isse Sarakari KhaJane 5857 28 Crore Rupaye Bojh Padega Bata Dein Sabhi 1 January Badha Hua Milega Iit Sanshodhan Tahat Badhawa Diya Jayega Aandhra Pradesh Vishesh Sahayta Diye Jane Uttar National Highway Varanasi Handiya Section 6 Lane Prastav Parit Kar

Wednesday, 8 March 2017

H1B spouse might lose right to work in America

H-1B वीजाधारक ही नहीं, उनके जीवनसाथियों के लिए भी अमेरिका में रहना होगा मुश्किल

नई दिल्ली। अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों की ओर से अमरेकियों को ही नौकरी देने की तरजीह पर जोर देते हुए ट्रंप प्रशासन अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था और प्रवासी श्रमिकों एवं विदेशी कामगारों के भारी-भरकम कार्यबल पर सख्त नियम लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ट्रंप अपनी जिन नीतियों को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं उसका सीधा असर न सिर्फ अवैध प्रवासियों पर बल्कि अमेरिका में काम करने की कानूनी अनुमति प्राप्त कर चुके लोगों पर भी हो रहा है। गौरतलब है कि सत्ता संभालते ही ट्रंप अमेरिकन फर्स्ट की नीति पर लगातार जोर दे रहे हैं।
जानकारी में यह बात सामने आई है कि ट्रंप सरकार के न्याय विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) ने वॉशिंगटन डीसी कोर्ट में एक अपील दायर की है जिसमें उन लोगों के H-4 वीजा 60 दिनों के लिए फ्रीज करने की अनुमति मांगी गई है जिन्हें अमेरिका में रोजगार करने का कानूनी अधिकार मिला हुआ है। आपको बता दें कि H-4 वीजा मुख्य रूप से H-1B वीजाधारकों के पतियों या उनकी पत्नियों को दिए जाते हैं।
भारतीयों के लिए बड़ी मुश्किल:इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक इस श्रेणी में हजारों भारतीय आते हैं। इन लोगों को फरवरी 2015 में बड़ी लड़ाई के बाद ओबामा प्रशासन की ओर से अनुमति मिली थी। ओबामा प्रशासन ने एक नियम जारी कर उन H-1B वीजाधारकों के पतियों या पत्नियों को रोजगार प्राप्त करने का अधिकार दिया था जो अमेरिका का ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे/रही हैं। हालांकि यह नियम लागू होने के ठीक बाद सेव जॉब्स यूएसए नाम के एक समूह ने इसके खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, लेकिन एक जिला अदालत ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ओबामा प्रशासन के नियम पर कानूनी विचार करने या इस पर रोक लगाने का कोई तार्किक आधार नहीं है।
ट्रंप के आते ही दर्ज कराई प्राथमिकी:सेव जॉब्स यूएसए अपील्स कोर्ट चला गया और उसने ट्रंप सरकार के सत्ता में आते ही इस नियम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने इसका समर्थन किया और इसने 1 फरवरी, 2017 को '60 दिनों के लिए कार्यवाही स्थगित करने के लिए सहमति का प्रस्ताव' नाम से एक दस्तावेज पेश कर दिया। डिपार्टमेंट ने कोर्ट से नए प्रशासन को इस पर विचार करने के लिए पर्याप्त वक्त दिए जाने की अनुमति मांगी है।
क्या है ट्रंप की मंशा:प्रवासी कार्यकर्ताओं के मुताबिक, मौजूदा अटॉर्नी जनरल जेफ सेशन्स ने बतौर अमेरिकी सेनेटर H-4 नियम को 'अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचाने वाला कानूनी बदलाव' करार दिया था। इमिग्रेशन वॉइस के संस्थापक और अध्यक्ष अमन कपूर ने हजारों H-4 वीजाधारकों की ओर से 'मामले में दखल देने का प्रस्ताव' रखा। उनका कहना है, 'इस केस का कोई तार्किक आधार नहीं होने के जिला अदालत के आदेश पर अपने नेतृत्व के साथ विचार करने को डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अटॉर्नीज के लिए कुछ नहीं है। '


H - 1B वीजाधारक Hee Nahi, Unke जीवनसाथियों Ke Liye Bhi America Me Rahna Hoga Mushkil br Naee Delhi । Kaam Karne Wali Kampaniyon Ki Or Se अमरेकियों Ko Naukri Dene tarjeeh Par Jor Dete Hue Trump Prashasan Ab American Arthvyavastha Aur Prawasi Shramikon Aivam Videshi Kaamgaro Bhari Bharkam कार्यबल Sakht Niyam Lagu Disha Teji Aage Badh Raha Hai Apni Jin Nitiyon Lekar Badhna Chahte Hain Uska Seedha Asar n Sirf Avaidh प्रवासियों Balki Kanooni Anumati Prapt Kar Chuke Logon Ho Gaurtalab Satta संभालते First Neeti Lagataar De Rahe Jankari Yah Baat Samne I Sarkaar Nyay Vibhag Department Of Justice ne Washington DC Court Ek Apeal Dayar Jisme Un 4 VISA 60 Dino Fridge Mangi Gayi Jinhe Rojgar Ka Adhikar Mila Hua Aapko Bata Dein Mukhya Roop वीजाधारकों Patiyon Ya Unki Patniyon Diye Jate Bharatiyon Badi Economic Times Prakashit Khabar Mutabik Is Series HaJaron Indian Aate In February 2015 Ladai Baad ओबामा Mili Thi Jari Diya Tha Jo Green Card Milne Intejaar Rahi Halanki Hone Theek Save Jobs USA Naam Samuh Iske Khilaf Makdma Kiya Lekin Zila Adalat Ise Kehte Kharij Vichar Rok Lagane Koi Tarkik Aadhaar Darj Karayi Prathmiki अपील्स Chala Gaya Usane Karaa Dee Iska Samarthan Isne 1 2017 Karyawahi Sthagit Sahmati Prastav Dastawej Pesh Naye Paryapt Waqt Jane Kya Mansha कार्यकर्ताओं maujooda Attorney General जेफ सेशन्स BaTaur सेनेटर Nuksan Pahunchane Wala Badlaw Karaar इमिग्रेशन Voice Sansthapak Adhyaksh अमन Kapoor Mamale Dakhal Rakha Unka Kahna Case Adesh Apne Netritv Sath अटॉर्नीज Kuch '

Sunday, 24 January 2016

Egras Payments Can be made now from Credit Or debit card

             Government of Rajasthan taken a important decision to implement SbieEpay service of State bank of india to recieve e-payments of government reciepts. In a important decision to implement e-governance now egras payment will also accepted through debit cards and credit cards of any bank participating in sbiepay. Also manual and netbanking facility will be continued as per old system.

What Is SbiePay?

Sbiepay is a payment gateway system to process online payments of all types between various banks and merchants. Before sbiepay Payment gateway industry in India is dominated by ccavenue, bill desk, icici bank.

Partners banks of sbi epay

State Bank of India , State Bank of Bikaner & Jaipur, State Bank of Hyderabad State Bank of Mysore State Bank of Patiala State Bank of Travancore Allahabad Bank Andhra Bank Bank of India Bank of Maharashtra Catholic Syrian Bank City Union Bank Corporation Bank DCB Bank Dena bank Dhanlaxmi Bank Federal Bank IDBI Bank Indian bank IndusInd Bank ING Vysya Bank Jammu and Kashmir Bank Janata Sahakari Bank Ltd. Pune Karur Vysya Bank Karnataka Bank Ltd Kotak Mahindra Bank Lakshmi Vilas Bank Oriental Bank Of Commerce PMC Bank Punjab and Sind Bank Saraswat Bank South Indian Bank Syndicate Bank Tamilnad Mercantile Bank Ltd UCO Bank United Bank of India Vijaya Bank Yes Bank

Features of Sbiepay:

Merchant registration
Easy and convenience
Easy refun and cancellation
Merchant dashboard to see detailed MIS reports

Thursday, 8 January 2015

How To Apply For E Refund

No.F.16 (95) Tax / CCT /14-15 / 5262                                                  Dated: January 8, 2015
All Registered Dealers,
DEALER CIRCULAR -17



Sub: Application for e-refund (Form VAT 20).



1. In the process of complete e-services, facility for e-refund in Form VAT-20 has been initiated by the Department. Application for e-refund in Form VAT-20 can be submitted electronically through rajtax web portal.
2. The following procedure is to be adopted for application for e-refund in Form
VAT-20:
(i) Dealer may submit application for e-refund under rule 27(1) (a) of RVAT Rule, 2006, in Form VAT-20 through the official website of the Department under the link “e-refunds <Application for e-refund” in his profile.
(ii) In the Form VAT-20, necessary information TIN, Name and Address of the dealer and Telephone Number shall be auto populated. If the dealer wants to update alternate e-mail address, he may do so by pressing update alternate e-mail address link provided on application itself.
(iii) Bank details as submitted by the dealer to the Department shall also he auto populated. Dealers are advised to check bank details such as account number, branch name and IFSC code minutely so that amount of refund is credited in the correct account only. For e-refund, bank account should only
 be in a bank which has Core Banking System (CBS). If any change in bank account details is warranted, then dealer may update such details by submitting application for amendment in Form VAT-05 separately.
(iv) Mandatory details such as amount of refund claimed, period for which refund is claimed and reasons for refund will be required to be filled up. The dealer may also upload supporting document / evidence that he wants to be considered. 

(v) On submission of the complete application, acknowledgement shall be generated. 

(vi) The application will be received by the concerned Assessing Authority for decision. On approval by the Assessing Authority, the refund order Form VAT-23A shall he submitted to the concerned Deputy Commissioner electronically, who shall further submit it to Central Refund Officer (CRO). Deputy Commissioner (IT) has been designated as CRO for entire State. CRO shall forward the details regarding the refund in Form VAT-23B to the bank specified by the Commissioner, and direct the bank to transfer the amount of refund into the account of the dealer mentioned in the Form
VAT-20. 


(vii) Dealer may check the status of the application under his login using the link provided at “e-refunds
view status”. Under the view status e-refund history of the dealer is available. The dealer may check whether application in Form VAT-20 for e-refund is “in process or approved or completed’. if the refund amount is credited in the account of the dealer the history will show the status as completed. 


(viii) Dealer may also view user manual “A hand hook on e-refund’ provided under “e-services guidelines >User manual” on rajtax web portal for further assistance.


3. All dealers may kindly use the above facility.

Tuesday, 16 December 2014

RBI Guidline For RTGS Payment

RBI has extended RTGS timing from
8am to 8pm on weekdays
and 8am to 4.30pm on saturday....

“It has hence been decided to advance RTGS business hours to 8:00 hours from 9.00 hours and extend closing time of RTGS to 20.00 hours on week days. RTGS business window will be open from 8.00 hours to 15.30 hours on Saturdays,” RBI said in a notification.

The new working hours will be with effect from December 29, 2014.

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